“स्वकर्म द्वारा ज्ञाननिष्ठायोग्यताप्राप्ति का उपाय”
समग्र गीता शास्त्र का सार ज्ञाननिष्ठा की प्राप्ति है। शुद्ध चित्त ही ज्ञाननिष्ठा की प्राप्ति में योग्यता है। ज्ञाननिष्ठा की प्राप्ति के लिए योग्यता = चित्तशुद्धि प्राप्त करने का उपाय भगवान श्री कृष्णने श्रीमद् भगवद्गीता के अंतिम अध्याय – १८ के मध्य भाग में बताया है।
स्वकर्म द्वारा चित्त की शुद्धि प्राप्त करने की कला जानने के लिए सत्संग में अवश्य पधारें अथवा यु ट्यूब लाइव टेलीकास्ट से जुड़े।
प्रवक्ता :- पू. स्वामी अभयानंद सरस्वती (मनन आश्रम, भरूच)
सत्संग स्थल :- श्री प्रेमपुरी आश्रम, बाबुलनाथ मंदिर रोड, चौपाटी, मुंबई
दिनांक :- 18 से 21 जून 2024 (मंगलवार से शुक्रवार)
समय :- सायं 6 से 7
You tube link for today’s live telecast :- https://www.youtube.com/GitaChintanmala/live
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